हौज़ा न्यूज एजेंसी
तफसीर; इत्रे कुरान: तफसीर सूरा ए बकरा
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह हिर्राहमा निर्राहीम
قَالُوا ادْعُ لَنَا رَبَّكَ يُبَيِّن لَّنَا مَا لَوْنُهَا ۚ قَالَ إِنَّهُ يَقُولُ إِنَّهَا بَقَرَةٌ صَفْرَاءُ فَاقِعٌ لَّوْنُهَا تَسُرُّ النَّاظِرِينَ कालूद ओ लना रब्बका योबय्यिन लना मा लौनोहा काला इन्नहू यकूलो इन्नहा बकारतन सफराओ फ़ाकेउन लौनोहा तसुर्रुन नाज़ेरीन
अनुवाद: वे कहते हैं, "हमें अपने भगवान से हमें खोलने के लिए कहें और हमें बताएं कि उसका रंग कैसा है।" उन्होंने कहा कि वह (अल्लाह) कहते हैं कि उन्हें इतना गहरा पीला रंग होना चाहिए कि उन्हें दर्शक को खुश करना चाहिए।
📕 कुरान की तफसीर 📕
1- मूसा की कौम ने नहीं सोचा था कि यह शरिया की खातिर गाय होने और लक्ष्य तक पहुंचने के लिए पर्याप्त था।
2 मूसा के लोगों ने अल्लाह से पूछने के लिए कहा कि वह गाय का रंग पूछें जिसे वध किया जाना चाहिए।
3- मूसा पैगंबर की गाय, जो वध के लिए जिम्मेदार थी, में गहरा और ताज़ा रंग होना चाहिए।
4 गहरे पीले रंग वाली गाय लोगो के लिए अपनी ओर आकर्षित करने वाली होगी।
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📚 तफ़सीर राहनुमा, सूरा ए बकरा
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